नज़ारा कैसा भी हो?
नज़ारा कैसा भी हो ?
नज़ारा कैसा भी हो?
नज़ारा सुनहरे रेगिस्तान का हो
या नज़ारा हिमाचल की वादियों का हो
दोनों ही अति सुंदर व अविस्मरणीय है।
नज़ारा कैसा भी हो?
नज़ारा गाँव की स्वदेशी भोजन से भरे थाल की हो
या नव युग की विदेशी भोजन से भरी मेज़ हो
दोनों का स्वाद भी अति स्वादिष्ट है।
नज़ारा कैसा भी हो?
नज़ारा किसी पौराणिक मंदिर की आस्था का हो
या नज़ारा घर की पाठ-पूजा की आस्था का हो
दोनों ही जगह की आस्था में कोई अंतर नहीं है।
नज़ारा कैसा भी हो?
नज़ारा गाँव के जाति आधार भेदभाव का हो
या नज़ारा शहर के पद आधार भेदभाव हो
दोनों को ही ख़त्म करने की आवश्यकता है।
- नीरद थानवी
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